Sunday, April 29, 2007


कहॉ गया पंगेबाज ??

क्या उसे दिखाई नही देता कि अपने देश मे ऐसे ऐसे तालिबान मौजूद हैं ? क्या उसे दिखाई नही देता कि वह देश , जिसे बनाने के लिए हम रात को रात नही समझते दिन को दिन नही , बस पागलों की तरह दिन रात काम करते रहते हैं , उस देश में भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो अपने ही लोगों को सरेआम मारते हैं , काटते हैं । औरतों की छातियां काट डालते हैं (संदर्भ :- फाइनल सोलुशन ) बच्चों और बूढों को उनके घर मे ही भूनकर मार डालते हैं... आज तक के हिंदू मुस्लिम दंगो के आंकडे गवाह हैं कि अगर एक हिंदू मारा गया तो पांच मुसलमान मारे गए। ऐसा क्यों ? हिंदू धर्म तो बड़ी दया का धरम है॥ कहॉ घुस जाती है सारी दया? क्या सारी दया बाबरी मस्जिद में ही घुसी रहती है ? लेकिन नही.... कतई दिखाई नही देगा। उ तो सिरिफ बिदेसन के मुसलमानो की फोटू छापने मे लगा रहता है ना। उसे कहॉ दिखाई देगा कि ई साले अपना ही देस बर्बाद करने मे लगे हुए हैं। अब इन सारी बातन मे उसको तो सिरिफ बिदेस ही दिखाई देता है। आंख के आगे भगवा पट्टी जो बंधी है। सारा टाइम तो बिदेसी फोटू जो सर्च किया करता है , अपने देस से उसे का मतलब। उ तो हमही ढक्कन हैं जो अपना देस अपना देस भजते रहते हैं ।

Saturday, April 28, 2007

हिंदुत्व के तालिबान











घर
उजाड़ते हैं












बच्चों
को मारते हैं






















बुजुर्गों
को भी नही छोड़ते